कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ- हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
कल्याणकारी शिवयोग में मनेगा महाशिवरात्रि का पावन पर्व, जानिए खास बातें
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन more info प्रतिपाला.
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
लिङ्गाष्टकम्
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
अर्थ- आपके सानिध्य में नंदी व Shiv chaisa गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य shiv chalisa lyricsl गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।
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